Free shipping and COD on all orders. | Contact: +91-9978612287 | contact@kritinova.in
मांस नहीं माँ - गोहत्या पर हिन्दू प्रतिकार (Paperback: Hindi)
मांस नहीं माँ - गोहत्या पर हिन्दू प्रतिकार (Paperback: Hindi)

    मांस नहीं माँ - गोहत्या पर हिन्दू प्रतिकार (Paperback: Hindi)

    ₹ 190.00
    Tax included. Shipping calculated at checkout.
    Tax included. Shipping Free.
    DESCRIPTION

    बचपन में जिसके ‘अमृत’ से मुझे जीवन मिला, वह ‘माँ’ कहलाई और जिसके ‘अमृत’ ने मुझे जीवन भर सींचा, उसके गले पर छुरी चलाई!

    लोगों ने उसे मार दिया। नैतिकता ने उसका मजाक उड़ाया। मत-मतान्तर उसके लिए नाकाम रहे। ‘माताओं’ की ‘माता’ बेबस, असहाय, खिंची हुई खाल के साथ गले से बहते हुए खून के सैलाब में डूबी और आंखों में याचना के आंसू लिए हुए कत्लखाने के फर्श पर पड़ी हुई है। धीरे-धीरे उसकी चेतना हरते हुए आंखें मिटती चली जाती हैं। इस तरह से जीवन, पोषण, भोजन और प्रेम का यह स्रोत समाप्त होता है। क्या यह दुनिया जीवित है?

    यह किताब एक मानव का उसकी माता - ‘गौमाता’ के लिए संघर्ष है। यह कसाइयों के झूठ और गौभक्षकों की बेरहम तासीर को ख़त्म करती है। यह किताब ‘स्वस्थ मांस भक्षण’ के मिथक को भी समाप्त करती है। यह किताब पुरातन काल के हिन्दुओं में गौमांस भक्षण के मिथक को सैकड़ों शास्त्रीय प्रमाणों और अकाट्य तर्कों से ख़त्म करती है।

    यह किताब ‘गौमांस’ त्यागने की याचना नहीं है, बल्कि यह तो गौभक्षकों के लिए एक चुनौती है कि वे इस किताब को पढ़ने के बाद भी ‘गौमांस’ खाना जारी रख़ सकेंगे?

    • कत्लखानों की अभेद दीवारों को चीरती हुई यह बेबस प्राणियों की आवाज़ है।
    • स्वात्म खोजियों के लिए यह एक जोशीला आत्मिक पैगाम है।
    • जीव प्रेमियों के लिए यह एक अमोघ हथियार है।
    • गौ प्रेमियों का यह संकल्प है।

    इस किताब को पढ़कर आप खुद को, अपने बच्चों और अपने प्रियजनों को स्वस्थ और लम्बी आयु प्रदान करने का रहस्य जान सकेंगे! आप जानेंगे कि क्यों हम खून और चीखों का बोझ अपने जन्म-जन्मांतरों तक न ढ़ोएं! आप सीखेंगे कि कैसे दृढ़ता और प्रमाणों से मानवता, क्रूरता पर विजीत होगी!

    - आँखों में खून के आंसू लिए एक कट्टर गौभक्त 

    Note: PLEASE READ this Disclaimer for all Agniveer books on this store

    REVIEWS

    RECENTLY VIEWED PRODUCTS

    BACK TO TOP