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Who is Agniveer ?, Sanskrit Wall Art, Inspiring Sanskrit Quote, Sanjeev Newar® | Rolled
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    Who is Agniveer ?, Sanskrit Wall Art, Inspiring Sanskrit Quote, Sanjeev Newar® | Rolled

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    Who is Agniveer ?, Sanskrit Wall Art, Inspiring Sanskrit Quote, Sanjeev Newar® | Rolled

    Amazing conversation between Bhagvaan and Bhakt explaining the meaning of Agniveer!

    Poster is an easy and affordable way to personalize your home or office. This product is part of Sanjeev Newar's ambitious project - Reviving Sanskrit.

    If you love Mission Agniveer and want to be Agniveer then this poster is for you.

    Have this poster delivered to your door step!

    Here is the conversation:

    पवित्र वेद यजुर्वेद के पन्द्रहवें अध्याय के बावनवें मन्त्र में आता है- अयं अग्निर्वीरतमो..

    भक्त परम सत्ता जगदीश्वर से पूछता है कि इस भागती दौड़ती, मित्र और शत्रुओं से भरी दुनिया में मैं तुम्हे कैसे पाऊंगा?

    इस पर ईश्वर का उत्तर है- अग्निवीर बन

    सत्य, प्रेम, शक्ति और भक्ति के तप से अपने चरित्र को अग्नि की तरह बना जो न सिर्फ स्वयं पवित्र है बल्कि अपने संपर्क में आने वाले हर तत्त्व की गन्दगी को भस्म कर देती है और तत्त्व के शुद्ध स्वरुप को सोने के समान चमका देती है.

    भक्त आगे पूछता है कि अपने भीतर भक्ति और सत्य की इस अग्नि को जलाने और एक बार जलाकर न बुझने देने का उपाय क्या है?

    इस पर ईश्वर का आदेश है - वीर बन

    कायर न तो खुद की रक्षा कर सकता है, न घर की, न देश की, न मानवता की, फिर उससे आत्मा की अग्नि की रक्षा कैसे होगी?

    अग्नि जलाने के लिए वीर बनना जरूरी है|

    अन्याय, अत्याचार, झूठ, कपट, हिंसा, अशांति, घृणा आदि का सर्वथा विरोध और न्याय, सुशासन, सत्य, सरलता, अहिंसा, शान्ति और प्रेम का बिना शर्त समर्थन ही वीरता है|

    और जो इस वीरता को धारण कर लेता है, वह वेद के शब्दों में अग्निवीर हो जाता है|

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