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वेदों की शिक्षा के अनुसार, आदर्श जीवन जीने से व्यक्ति महापुरुष बन जाता है । उनकी संतान भी इन्हीं का अनुसरण करके वीर, धीर, निडर, विद्वान् तथा परोपकारी बनने का यत्न करती है ।
नीतिग्रंथों में कहा गया है: "जिस मार्ग से चलकर पिता, ज्ञानी, विद्वान् आदि हमारे पूर्वज सच्चा सुख और शान्ति पा चुके हैं, हमें भी कल्याण के लिए उसी मार्ग का अनुसरण करना चाहिए ।"
उत्तम गुणों से युक्त महापुरुष श्री रामचन्द्र जी का वर्णन इस वाल्मीकि रामायण में मिलता है । इन गुणों के कारण ही लाखों वर्ष व्यतीत हो जाने पर भी सारे संसार में बालक हो या वृद्ध, सभी श्री राम को अपना पूज्य मानते हैं । ऐसे महापुरुष का जीवन सभी के लिए ज्ञातव्य, पठनीय तथा अनुकरणीय है ।
राम का चरित्र अत्युत्तम है । उन्होंने सकल जीवन में कोई ऐसा कार्य नहीं किया जो अन्य मनुष्यों के लिए आदर्श न हो । तभी उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहते हैं ।
वाल्मीकि रामायण का यह हिंदी संस्करण विशेष है । यह संस्करण रामायण के उपलब्ध पाठभेदों में से शोध करके, प्रक्षिप्त श्लोकों से रहित, तार्किक और अन्तर्भेदों से मुक्त रामायण की वास्तविक कथा प्रस्तुत करता है ।
यह विशेष संस्करण वाल्मीकि रामायण का ऐसा अद्वितीय रूप है जो अनेक भ्रमों और भ्रांतियों को दूर करता है । इसमें स्पष्ट किया गया है कि राम मांसाहारी नहीं थे, राम ने बाली के साथ कोई अन्याय नहीं किया था, और स्वर्ण मृग का वध मांस प्राप्त करने के लिए नहीं किया गया था । यह भी बताया गया है कि हनुमान उछल-कूद करने वाले बंदर नहीं, बल्कि वेदों के प्रकाण्ड विद्वान थे । साथ ही, सीता की अग्निपरीक्षा की कथा असत्य है । ऐसे अनेक गूढ़ विषयों पर प्रकाश डालते हुए यह संस्करण आपके सभी संशयों का निवारण करेगा ।
पाठकों को विदित हो कि ‘वाल्मीकि रामायण’ बृहद ग्रन्थ होने से हमने इसे छह भागों में विभक्त किया है - बालकांड, अयोध्याकांड, अरण्यकांड, किष्किन्धाकांड, सुन्दरकांड और युद्धकांड । प्रत्येक हिंदीभाषी के पास इस रामायण की निजी प्रति होनी चाहिए ।
- जय श्री राम, जय हनुमान, जय सीताराम ।
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What a book without addition at later stage. its better than Valmiki Ramayan Gita press. Nice print and comfortable reading.


